Wednesday, July 9, 2008
डेरा सच्चा सौदा : जिसे सच बर्दाशत नही !
सिर्फ़ 23 साल की उम्र में हरियाणा,पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लाखों लोगों की आस्था के केन्द्र डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख बने बाबा गुरमीत की शख्सियत में आख़िर ऐसा क्या है, जो उन्हें सरेराह कभी भी और कहीं भी विवादों में खींच लेता है.....इस से जुड़े तमाम पहलुओं पर अब बहस किया जाना लाजिमी है। ये इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि, बाबावाद और डेरावाद इस कदर जहरीला हो गया है कि उसका दंश उन लोगों को लीलने लगा है जो लोग उसकी समानान्तर सत्ता की मुखालफत मे कलम चलाते हैं। जिस बाबा पर साध्वियों से बलात्कार करने और कत्ल के आरोप में सीबीआई जांच चल रही हो, उस बाबा की हिफाजत के लिए सरकारें उन्हें सुरक्षा मुहेया करवा रही हैं। इतना ही नही, बाबा को अपने साथ दर्जनों हथियारबंद गुंडे रखने की भी इजाज़त किस से मिली,किस ने दी...किसी को ख़बर नही। अदालत से मिलती तारीख पर तारीख से बाबा सुकून मे है पर बाबा के ख़िलाफ़ अदालत मे गवाही देने वालों के सर पर हर वक़्त मौत मंडरा रही है............क्या इस धार्मिक आतंकवाद से निपटने का कोई रास्ता है?
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7 comments:
Am completely subscribing to your point of view and share same concern.
Meanwhile, discussing among people about Dera or Baba-ism is only possible when people think rationally and deattach themselves from this sects, which is bit difficult.
वाह मालिक अच्छा लिखा अच्छे लगे तुम्हारे विचार और एक नई पहल की शुरूआत लिखो ब्लाग की दुनिया में आपका स्वागत है लेकिन थोडा व्यक्ति विशेष से हटकर लिखो और मजा आएगा अच्छा लगा बधाई हो आपको
sahi sawaal......
Mazza Aa gaya, thoke rakho baba ko....Bhagwan tumhari kalam ko itni shakti de ki tum banduk ka jawab apni kalam se do....
Best of luck.....
Tumhara
Parveen Sachdeva
ur question abt religeuon banam terrisom is grt......i hope u will make a new sagofa on this matter in youth
har dhandhe me baba log ghuse pade hai...is mulk ka bhagwan malik.
good article
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